Maruti Stotra in Hindi |
मारुति स्तोत्र: पवनपुत्र हनुमान की कृपा प्राप्त करने का अद्वितीय मंत्र
मारुति स्तोत्र, जिसे आमतौर पर हनुमान स्तोत्र के नाम से जाना जाता है, एक दिव्य पुस्तक है जो संकटमोचन हनुमान जी के गुणों का बखान करती है। यह स्तोत्र न केवल अनुयायियों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि यह उन्हें जीवन में सभी कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने में भी मदद करता है। यह स्तोत्र विशेष रूप से पवनपुत्र हनुमान की पूजा के लिए उपयोगी माना जाता है, जो अदम्य शक्ति और बुद्धि का प्रतिनिधित्व करते हैं। जब किसी कठिन परिस्थिति का सामना करना पड़ता है, तो इस स्तोत्र का पाठ करने से मानसिक शक्ति, आत्मविश्वास और साहस मिलता है। यह पृष्ठ मारुति स्तोत्र के महत्व, इसके पाठ विधि और इसके आश्चर्यजनक फलों के बारे में विस्तार से बताएगा।
मारुति स्तोत्र
भीमरूपी महारुद्रा, वज्र हनुमान मारुती।
वनारी अंजनीसूता, रामदूता प्रभंजना ।।1।।
महाबळी प्राणदाता, सकळां उठवीं बळें ।
सौख्यकारी शोकहर्ता, धूर्त वैष्णव गायका ।।2।।
दिनानाथा हरीरूपा, सुंदरा जगदंतरा।
पाताळ देवता हंता, भव्य सिंदूर लेपना ।।3।।
लोकनाथा जगन्नाथा, प्राणनाथा पुरातना ।
पुण्यवंता पुण्यशीला, पावना परतोषका ।।4।।
ध्वजांगे उचली बाहू, आवेशें लोटिला पुढें ।
काळाग्नी काळरुद्राग्नी, देखतां कांपती भयें ।।5।।
ब्रह्मांड माईला नेणों, आवळें दंतपंगती।
नेत्राग्नी चालिल्या ज्वाळा, भृकुटी त्राहिटिल्या बळें ।।6।।
पुच्छ तें मुरडिलें माथां, किरीटी कुंडलें बरीं।
सुवर्णकटीकासोटी, घंटा किंकिणी नागरा ।।7।।
ठकारे पर्वताऐसा, नेटका सडपातळू।
चपळांग पाहतां मोठें, महाविद्युल्लतेपरी ।।8।।
कोटिच्या कोटि उड्डाणें, झेपावे उत्तरेकडे ।
मंद्राद्रीसारिखा द्रोणू, क्रोधे उत्पाटिला बळें ।।9।।
आणिता मागुता नेला, गेला आला मनोगती ।
मनासी टाकिलें मागें, गतीस तूळणा नसे ।।10।।
अणूपासोनि ब्रह्मांडा, येवढा होत जातसे।
तयासी तुळणा कोठें, मेरुमंदार धाकुटें ।।11।।
ब्रह्मांडाभोंवते वेढे, वज्रपुच्छ घालूं शके।
तयासि तूळणा कैचीं, ब्रह्मांडीं पाहतां नसे ।।12।।
आरक्त देखिलें डोळां, गिळीलें सूर्यमंडळा ।
वाढतां वाढतां वाढे, भेदिलें शून्यमंडळा ।।13।।
धनधान्यपशुवृद्धी, पुत्रपौत्र समग्रही ।
पावती रूपविद्यादी, स्तोत्र पाठें करूनियां ।।14।।
भूतप्रेतसमंधादी, रोगव्याधी समस्तही ।
नासती तूटती चिंता, आनंदें भीमदर्शनें ।।15।।
हे धरा पंधराश्लोकी, लाभली शोभली बरी।
दृढदेहो निसंदेहो, संख्या चंद्रकळागुणें ।।16।।
रामदासी अग्रगण्यू, कपिकुळासी मंडण।
रामरूपी अंतरात्मा, दर्शनें दोष नासती ।।17।।
।। इति श्रीरामदासकृतं संकटनिरसनं मारुतिस्तोत्रं संपूर्णम् ।।
मारुति स्तोत्रम्
ॐ नमो भगवते विचित्रवीरहनुमते प्रलयकालानलप्रभाप्रज्वलनाय।
प्रतापवज्रदेहाय। अंजनीगर्भसंभूताय।
प्रकटविक्रमवीरदैत्यदानवयक्षरक्षोगणग्रहबंधनाय।
भूतग्रहबंधनाय। प्रेतग्रहबंधनाय। पिशाचग्रहबंधनाय।
शाकिनीडाकिनीग्रहबंधनाय। काकिनीकामिनीग्रहबंधनाय।
ब्रह्मग्रहबंधनाय। ब्रह्मराक्षसग्रहबंधनाय। चोरग्रहबंधनाय।
मारीग्रहबंधनाय। एहि एहि। आगच्छ आगच्छ। आवेशय आवेशय।
मम हृदये प्रवेशय प्रवेशय। स्फुर स्फुर। प्रस्फुर प्रस्फुर। सत्यं कथय।
व्याघ्रमुखबंधन सर्पमुखबंधन राजमुखबंधन नारीमुखबंधन सभामुखबंधन
शत्रुमुखबंधन सर्वमुखबंधन लंकाप्रासादभंजन। अमुकं मे वशमानय।
क्लीं क्लीं क्लीं ह्रुीं श्रीं श्रीं राजानं वशमानय।
श्रीं हृीं क्लीं स्त्रिय आकर्षय आकर्षय शत्रुन्मर्दय मर्दय मारय मारय
चूर्णय चूर्णय खे खे
श्रीरामचंद्राज्ञया मम कार्यसिद्धिं कुरु कुरु
ॐ हृां हृीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः फट् स्वाहा
विचित्रवीर हनुमत् मम सर्वशत्रून् भस्मीकुरु कुरु।
हन हन हुं फट् स्वाहा॥
एकादशशतवारं जपित्वा सर्वशत्रून् वशमानयति नान्यथा इति॥
इति श्रीमारुतिस्तोत्रं संपूर्णम्॥
Bajrang Baan Lyrics in Hindi || बजरंग बाण
मारुति स्तोत्र के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. मारुति स्तोत्र क्या है?
मारुति स्तोत्र भगवान हनुमान की स्तुति में रचित एक प्रसिद्ध प्रार्थना है। यह स्तोत्र पवनपुत्र हनुमान के बल, बुद्धि, और भक्ति की महिमा का वर्णन करता है और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
2. मारुति स्तोत्र का पाठ करने का क्या लाभ है?
मारुति स्तोत्र का नियमित पाठ करने से जीवन की समस्याओं और चुनौतियों का सामना करने में आत्मिक बल प्राप्त होता है। यह मन को शांति प्रदान करता है, आत्मविश्वास बढ़ाता है, और भगवान हनुमान की कृपा से हर बाधा को दूर करता है।
3. मारुति स्तोत्र का पाठ किस समय करना चाहिए?
मारुति स्तोत्र का पाठ प्रातःकाल या संध्या समय में करना शुभ माना जाता है। मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से इसका पाठ करने से हनुमान जी की कृपा जल्दी प्राप्त होती है।
4. मारुति स्तोत्र का पाठ कैसे करें?
मारुति स्तोत्र का पाठ करने से पहले स्वच्छ वस्त्र धारण करें और शांत मन से हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें। स्तोत्र का पाठ करते समय हनुमान जी की छवि का ध्यान करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
5. क्या मारुति स्तोत्र का पाठ किसी विशेष दिन करना चाहिए?
मारुति स्तोत्र का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन मंगलवार और शनिवार का दिन विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है। इन दिनों में मारुति स्तोत्र का पाठ करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
6. क्या मारुति स्तोत्र का पाठ करने के लिए किसी विशेष नियम का पालन करना आवश्यक है?
मारुति स्तोत्र का पाठ करते समय शुद्धता और एकाग्रता का पालन करना आवश्यक है। पाठ के समय मन को शांत रखें और हनुमान जी की कृपा की प्रार्थना करें।
Discover more from Hindu Granth
Subscribe to get the latest posts sent to your email.